मानव जीवन में सत्संग का बहुत बड़ा प्रभाव
आज का संदेश
मानव जीवन में सत्संग का बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है।
जैसे जिसकी संगत होती है वैसी ही उसकी रंगत हो जाती है। मनुष्य को सत्संग तब प्रिय लगता है जब उसके पास सत्संगति हो। मानव को जीवन में उच्च स्थान प्राप्त करने के लिए सत्संगति का होना बहुत आवश्यक है।
जैसे जिंदा रहने के लिए रोटी, कपड़ा और मकान की आवश्यकता है उसी प्रकार से जीवन में सत्संगति होना आवश्यक है।
जैसे शैशवकाल से रोटी और कपड़ा मनुष्य की परम आवश्यकता है ठीक उसी प्रकार बचपन से ही अच्छी संगति मनुष्य के लिए बहुत आवश्यक है।
अगर उसे यह नहीं प्राप्त हो पाती है तो वह कुसंगति में बैठ कर के बुरा बन जाता है।
बुरे व्यक्ति का समाज में कोई आधार नहीं होता है वह अपने को कर्मों से शीघ्र ही पतित हो जाता है और अपना जीवन नष्ट कर लेता है। इसलिए प्रत्येक मनुष्य को कुसंगति से बचते हुए सत्संगति अपनानी चाहिए।
हर मनुष्य को अच्छाई-बुराई, धर्म-अधर्म, पाप-पुण्य में से ऐसे शस्त्र को अपनाना चाहिए जिससे कि वह जीवन की कठिनाइयों को पार करता हुआ एक उच्च स्तर का आदर्श प्रस्तुत करें।
सुरपति दास
इस्कॉन