इनसे होती विश्व में,भारत की पहचान।।
Submitted by Sharad Gupta on 9 November 2019 - 6:46pm
बतलाता हूँ आज मैं,खेल जरूरी जान।
इनसे होती विश्व में,भारत की पहचान।।
बचपन से ही जो करे,खेलों का अभ्यास।
रोग कभी आते नहीं,उस बच्चे के पास।।
तन-मन रहता स्वस्थ है,बुद्धि का विस्तार।
मनसा वाचा कर्मणा,बढ़ती रहती धार।।
खेल-खेलने से सदा,बालक बनें महान।
मात-पिता को चाहिए,देना इस पर ध्यान।।
कपिल,सचिन अरु कोहली,देते अरि को हार।
खली और संदीप की,होती जय-जयकार।।
शिखर,सानिया,हरभजन,
धोनी अरु आनंद।
अंजू,ऊषा,भूटिया,नाम अभी हैं चंद।।
चाह रहा अखिलेश भी,बढ़े दिनोंदिन खेल।
आपस में हो प्रेम अरु,होए सबसे मेल।।
डा० अखिलेश गुप्ता
बरेली✍
स्वरचित एवं मौलिक
गुरु नानक खालसा इंटर कॉलेज सुभाष नगर बरेली