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युवाओं को पसंद है विवेकानंद की ये दस बातें -

 

युवा दिवस   स्वामी विवेकानंद

ब्लॉगर-शरद कुमार गुप्ता

 

युवा  को पसंद है विवेकानंद की ये दस बातें

1. पवित्रता, धैर्य और उद्यम- ये तीनों गुण मैं एक साथ चाहता हूं।

2. जितना बड़ा संघर्ष होगा जीत उतनी ही शानदार होगी।

3. जब तक जीना, तब तक सीखना, अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है।

4. पढऩे के लिए जरूरी है एकाग्रता, एकाग्रता के लिए जरूरी है ध्यान। ध्यान से ही हम इन्द्रियों पर संयम रखकर एकाग्रता प्राप्त कर सकते हैl

मानव जीवन में सत्संग का बहुत बड़ा प्रभाव

                            आज का संदेश
           
  मानव जीवन में सत्संग का बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है।

जैसे  जिसकी संगत होती है वैसी ही उसकी रंगत हो जाती है। मनुष्य को सत्संग तब प्रिय लगता है जब उसके पास सत्संगति हो। मानव को जीवन में उच्च स्थान प्राप्त करने के लिए सत्संगति का होना बहुत आवश्यक है। 

 

   जैसे जिंदा रहने के लिए रोटी, कपड़ा और मकान की आवश्यकता है उसी प्रकार से जीवन में सत्संगति होना आवश्यक है।

पद्मासन करने की प्रक्रिया | Padmasana | पद्मासन के फायदे

 

पद्मासन करने की प्रक्रिया | How to do Padmasana

 

पैरों को सामने की ओर फैलाकर योगा मैट अथवा ज़मीन पर बैठ जाएँ, रीढ़ की हड्डी सीधी रहे।
दाहिने घुटने को मोड़े और बहिनी जांघ पर रख दें, ध्यान रहे की एड़ी उदर के पास हो और पाँव का तलवा ऊपर की ओर हो।
अब यही प्रक्रिया दूसरे पैर के साथ दोहराएँ।
दोनों पैरों को मोड़ें, पाँव विपरीत जांघो पर,हाथों को मुद्रा स्थिति में घुटनो पर रखें।
सिर सीधा व् रीढ़ की हड्डी सीधी रहे।
इसी स्थिति में बने रहकर गहरी साँस लेते रहें।

 

भुजंगासन | कोबरा पोज़

भुजंगासन | कोबरा पोज़

यह छाती और कमर की मासपेशियो को लचीला बनाता है और कमर में आये किसी भी तनाव को दूर करता है। मेरुदंड से सम्बंधित रोगियों को अवश्य ही भुजंगासन  बहुत लाभकारी साबित होगा।

स्त्रियों में यह गर्भाशय में खून के दौरे को नियंत्रित करने में सहायता करता है। गुर्दे से संबंधित रोगी हो या पेट से संभंधित कोई भी परेशानी, ये आसान सा आसन सभी समस्याओं का हल है।

 

वृक्षासन , वृक्षासन के फायदे , वृक्षासन की हानियां

वृक्षासन की सही विधि

पहले सीधे खड़े हो जाएं और दोनों पैरों के बीच में गैप रखें।

बाएं पैर के तलवे को दाएं पैर की जांघ पर टिकाकर खड़े हों।

 

सांस भरते हुए दोनों हाथों को ऊपर ले जाएं और नमस्ते के आकार में जोड़ें।

कुछ सेकंड तक इसी अवस्था में रहें और ध्यान सामने एक बिंदु पर केंद्रित करने की कोशिश करें।

अब सामान्य अवस्था में आ जाएं और इस आसन को दूसरे पैर से दोहराएं।

 

 वृक्षासन के फायदे-

महाराणा प्रताप के जीवन से जुड़ी विशेष बातें

महाराणा प्रताप के जीवन से जुड़ी विशेष बातें...

नाम - कुँवर प्रताप जी (श्री महाराणा प्रताप सिंह जी)
जन्म - 9 मई, 1540 ई.
जन्म भूमि - कुम्भलगढ़, राजस्थान
पुण्य तिथि - 29 जनवरी, 1597 ई.
पिता - श्री महाराणा उदयसिंह जी
माता - राणी जीवत कँवर जी
राज्य - मेवाड़
शासन काल - 1568–1597ई.
शासन अवधि - 29 वर्ष
वंश - सुर्यवंश
राजवंश - सिसोदिया
राजघराना - राजपूताना
धार्मिक मान्यता - हिंदू धर्म
युद्ध - हल्दीघाटी का युद्ध
राजधानी - उदयपुर
पूर्वाधिकारी - महाराणा उदयसिंह
उत्तराधिकारी - राणा अमर सिंह

हाकी का इतिहास

2 फरवरी :

हाकी को समर्पित के.डी.सिंह बाबू के जन्म दिवस पर शत शत नमन करते हैं |

आजकल तो सब ओर क्रिकेट का ही जोर हैै; पर दो-तीन दशक पूर्व ऐसा नहीं था। तब हाकी, फुटबाल, वालीबाल आदि अधिक खेले जाते थे। हाकी में तो लम्बे समय तक भारत विश्व विजेता रहा।

 

सूर्य नमस्कार

 सूर्य यज्ञ

सूर्य सप्तमी के अवसर पर खेल जगत न्यूज़पेपर द्वारा उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड,बिहार,राजस्थान, सहित अन्य जगहों पर भी सूर्य नमस्कार क्रियाओं से  विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों को सूर्य नमस्कार  कराकर उनके लाभों का वर्णन किया। गया साथ ही साथ सूर्य भगवान के 1000 नामों का उच्चारण करते हुए विधि विधान से नाथ नगरी धोपेश्वर नाथ सिद्ध महादेव मंदिर बरेली कैंट में यज्ञ अनुष्ठान संपन्न हुआ जिसके मुख्य यज्ञ आचार्य श्री प्रेमपाल शर्मा द्वारा यज्ञ अनुष्ठान मुख्य यजमान संपादक रतन गुप्ता रहे।

इनसे होती विश्व में,भारत की पहचान।।

बतलाता हूँ आज मैं,खेल जरूरी जान।
इनसे होती विश्व में,भारत की पहचान।।

बचपन से ही जो करे,खेलों का अभ्यास।
रोग कभी आते नहीं,उस बच्चे के पास।।

तन-मन रहता स्वस्थ है,बुद्धि का विस्तार।
मनसा वाचा कर्मणा,बढ़ती रहती धार।।

खेल-खेलने से सदा,बालक बनें महान।
मात-पिता को चाहिए,देना इस पर ध्यान।।

कपिल,सचिन अरु कोहली,देते अरि को हार।
खली और संदीप की,होती जय-जयकार।।

शिखर,सानिया,हरभजन,
धोनी अरु आनंद।
अंजू,ऊषा,भूटिया,नाम अभी हैं चंद।।

चाह रहा अखिलेश भी,बढ़े दिनोंदिन खेल।
आपस में हो प्रेम अरु,होए सबसे मेल।।

सफाई अभियान

आज काशी में राजघाट पर मां गंगा की साफ-सफाई अपने योगासन के खिलाड़ियों के साथ मिलकर किया गया इस सफाई अभियान से एक बात जो समझ आती है वह यह है कि जब तक हर भारतीय इस विषय में नहीं सोचेगा तब तक मां गंगा स्वच्छ साफ ,निर्मल नहीं हो सकती है l

क्योंकि उनमें जो भी प्रदूषण है उसके जिम्मेदार हम सब खुद हैं इसलिए हम सब को उनकी स्वच्छता के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझना होगा और ऐसा कोई भी पदार्थ जो मां गंगा को दूषित और प्रदूषित करता हो हमें उन में प्रवाहित नहीं करना है l

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