ग्रेप्पलिंग संघ व ग्रेप्पलिंग कमेटी आई आमने-सामने
ग्रेप्पलिंग संघ व ग्रेप्पलिंग कमेटी आई आमने-सामने
दिल्ली/विगत कुछ महीनों से भारतीय ग्रेप्पलिंग संघ व भारतीय ग्रेप्पलिंग कमेटी के तनातनी बढ़ने से खेल जगत में गर्माहट बढ़ गयी है जिससे ग्रेप्पलिंग खिलाड़ियों में चिंता का विषय बना हुआ है।
हालात कुछ भी हो लेकिन ऐसे शीतयुद्ध से खेल व खिलाड़ियों के संघर्ष की परीक्षाएं कठिन तथा अभिशाप बन जाती है गौरतलब है कि भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष सांसद बृजभूषण सिंह की अगुवाई में भारतीय ग्रेप्पलिंग कमेटी की बैठक विगत माह मार्च में दिल्ली के एक होटल में संपन्न हुई थी जिसमें भारत के 27 विभिन्न राज्यों के पदाधिकारियों ने अपने-अपने राज्यों से प्रतिनिधित्व किया था, इसके बाद से उत्तर प्रदेश कमेटी के महासचिव मनोज यादव,भारतीय ग्रेप्पलिंग कमेटी के महासचिव (बृजनंदन) बिरजू शर्मा,चेयरमैन दिनेश कपूर के फेसबुक वाल के माध्यम से लगातार सूचनाएं प्रसारित करने का कार्य शुरू है जिसमें भारतीय ग्रेप्पलिंग कमेटी द्वारा जिला स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक निःशुल्क प्रतियोगिताएं करवाने की बातें चल रही है जो खिलाड़ियों में यह पहेली बनी हुई है कि आखिर इस सच्चाई की वास्तविकता क्या है?
संघ पर विश्वास करें या कमेटी पर विश्वास करें? जैसा कि भारतीय संघ तथा भारतीय कमेटी के बीच इस शीतयुद्ध ने विकराल रूप लेना तब शुरु कर दिया जब फेसबुक वाल के माध्यम से भारतीय ग्रेप्पलिंग संघ के पूर्व महासचिव व वर्तमान सी ई ओ शिव कुमार पांचाल को झबरू नाम की उपाधि देते हुए कभी पैसों का गबन का आरोप लगाया जाता है तो कभी भारत छोड़ अमेरिका चले जाने का संदेश दिया जा रहा है। अब इसके सच्चाई व वास्तविकता तो भारतीय ग्रेप्पलिंग संघ ही उजागर करेगी। लेकिन इस सच्चाई को भी स्वीकार ना होगा कि यदि इसी तरह से दोनों पक्षों में तनातनी बढ़ती रहेगी तो इसका असर नकारात्मक ऊर्जा के रूप में खेल व खिलाड़ियों पड़ेगी।