देश के सबसे ठंडे व ऊँचे इलाके में पहली आत्मरक्षा की कक्षा शुरू
वाराणासी 28 जून। कहते हैं कि प्रतिभा किसी की मोहताज नही होती। इसे उच्चतम तरीके से प्रस्तुत किया है देश की समाज कल्याण संस्था- वॉरियर एजुकेशन एण्ड स्पोर्ट्स काउंसिल ने, जिन्होंने लद्दाख के ,कारगिल जिले में स्थित द्रास (दुनिया का दूसरा सबसे ठंढी जगह- अधिकतम तापमान -59℃) में फौजी भाइयों को ताइक्वांडो खेल व आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देने के लिए अपने एक कोच जो सेना में ही शिक्षा अनुदेशक के पद पर कार्यरत है उन को प्रशिक्षण देने के लिए नियुक्त किया है। जो वहाँ के फौजी भाइयों, कमांडोज तथा वहाँ छुट्टी बिताने जाने वाले फौजियों के परिवारजनों को भी प्रशिक्षित करेंगे। इस तरह का देश मे आत्मरक्षा प्रशिक्षण देने वाली एकेडमियों के इतिहास में पहली व अनूठी पहल है। इस उद्देश्य की पूर्ति होने से संस्था के सभी पदाधिकारियों में काफी हर्ष का माहौल है।
संस्था के अध्यक्ष अरविंद तिवारी ने बताया कि यह अनूठी पहल के पीछे हमारे राष्ट्रीय कोचेस का सतत परिश्रम छुपा हुआ है। हमारे यह कोच पहले भी ब्रिटेन की सेना के कमांडोज को ट्रेंड कर चुके हैं
इस अवसर पर संस्था की सचिव श्रीमती स्वेता दुबे ने बताया कि हम शुरू से ही देश के लिए खेल व शिक्षा के क्षेत्र में कुछ अनूठा करने की सोच रखते हैं हमारी संस्था का उद्देश्य ही है-सबसे पहले भारत। और अगर हम देश के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले फौजी भाईयों के लिए काम मे आ जाए तो इससे बेहतर क्या हो सकता है।
वही संस्था के राष्ट्रीय सह-सचिव व अंतराष्ट्रीय खिलाड़ी व कोच डॉ. पुनीत मनीषी ने बताया कि हम पिछले 5 वर्षों से देश के विभिन्न भागों में सेना व पुलिस के लोगों को ताइक्वांडो खेल व आत्मरक्षा के क्षेत्र में प्रशिक्षित कर रहे हैं। हमारी संस्था वॉरियर एजुकेशन एण्ड स्पोर्ट्स काउंसिल के द्वारा आत्मरक्षा प्रशिक्षण देने वाली एकेडमियों के इतिहास में पहली व अनूठी पहल है, जैसे शाहजहांपुर, वाराणासी, दिल्ली व मध्यप्रदेश में अभी भी हमारी एकेडमी जवानों के लिए सुचारू रूप से चल रहीं है, लेकिन अभी तक यह कार्यकलाप शान्ति क्षेत्र में था लेकिन अब हम उन क्षेत्रों में भी पहुँचने लगे हैं जहाँ पर हमारी भारतीय सेना के जवान हर समय हम सब को सुरक्षित रखने के लिए तैयार रहते हैं इस लिए अब हमने इसे बुलंदियों तक पहुंचाने के लिए कमर कस ली है।
वहीं संस्था के राष्ट्रीय कोच व उप-सचिव, -अरविन्द यादव, ने बताया कि इसके लिए संस्था ने अपने संस्थापक ज्ञान कुमार जो स्वयं इस ताईक्वांडो खेल के अंतराष्ट्रीय खिलाड़ी व कोच हैं को वहां प्रशिक्षण के लिए नियुक्त किया है। हालांकि बहुत ज्यादा ठंड होने की वजह से वहाँ ऐसा माहौल बनाना आसान नही था किंतु जवानों के जोश और वहां के कमान अधिकारी महोदय का फिट इंडिया के प्रति समर्पण एक नई सुबह की शुरुआत लेकर आया। अब इससे हमारे पड़ोसी मुल्कों के दुश्मनो को इस बात का भी अंदाजा हो जाएगा कि हम हम सब खुद में भी एक हथियार की तरह तैयार हो जाएंगे जिस को जानकर उन को कपकपी छूट जाएगी।
इस मौके को स्वर्णिम बताते हुए वाराणासी ताईक्वांडो असोसिएशन के सचिव श्री नन्दलाल जी ने कहा कि हमारे कोच के द्वारा ऐसा प्रयोग करना वास्तव में हम पूरे उत्तर प्रदेश ताईक्वांडो असोसिएशन के लिए एक स्वर्णिम क्षण हैं। वाराणासी ताईक्वांडो ने शुरू से ही अपने सेना के जवानों की हर समय अपने स्तर से मदद करते आई है और अब अगली पंक्ति में लोहा ले रहे जवानों को भी अपनी इस गतिविधि से उन्हें फौलाद बनाने के लिए कमर कस ली है।
मौके पर शुभकामना देने हेतु,नंदलाल, अरविंद, कृतंजय उपाध्याय, माया देवी, किरण,दिनेश इत्यादि लोग मौजूद रहे।