बच्चो ने शहीद दिवस पर क्रान्तिकारियो को किया नमन
जलालाबाद :आज पूर्व माध्यमिक विद्यालय मालूपुर जलालाबाद मे महान क्रांतिकारी शहीदे आजम भगत सिंह,सुखदेव और राजगुरू को शहीद दिवस के अवसर पर याद किया गया।इस दौरान बच्चों और अध्यापको ने भगत सिंह के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित क़र उन्हें श्रद्धांजलि दी।
बच्चों को संबोधित करते हुए स्कूल के प्रधानाध्यापक नरेंद्र पाल सिंह ने भगत सिंह के जीवन परिचय पर प्रकाश डालते हुए कहा की भगत सिंह का जन्म 27 सितम्बर 1907 को लायलपुर जिले के बंगा मे हुआ था।इनकी माता का नाम विद्यावती और पिता का नाम किशन जी था ।
भगत सिंह पर जलियावाला कांड से गहरा प्रभाव पड़ा।भगत सिंह ने जलियावाला कांड के जिम्मेदार सांडर्स को मारकर बदला लिया। भगत सिंह अग्रिम पंक्ति के क्रांतिकारी थे उन्होंने देश के लिए अपने आप को कुर्बान कर दिया।भगत सिंह शुरू से ही क्रांतिकारी स्वाभाव के थे।उनको अपने माता पिता संस्कार मिले हुए थे।वो लगातार देश को आज़ाद कराने के लिए लड़ते रहे।
प्रांतीय जूनियर हाई स्कूल अनुदेशक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विपिन अग्निहोत्री ने कहा की भगत सिंह हमेशा से ही निर्भीक प्रवत्ति के थे।वो अंग्रेजो की तरह अपना भेष बना कर आशानी से अग्रेजो को दोखा दे देते थे।और भारत माता का की परतंत्रता की वेणिओ को काटने के लिए ततपर रहते थे।अशेम्बली मे बम फेकने के बाद भारत माता के नारे लगाते हुए वो खुद गिरफ्तार हो गए।वो चाहते थे की इस घटना से लोगो के अंदर देशभक्ति का संचार हो और अंग्रेजो को विरोध का जबरदस्त अहसास कराया जा सके।उसके बाद भगत सिंह के साथ राजगुरू और सुखदेव को गिरफ्तार कर फांसी की सजा दी गयी।अग्रेजो को डर था की फांसी वाले दिन भारत की जनता जेल पर आक्रमण ना कर दे।इस डर से न्याय के नियमो का उलँघन करते हुए 24 मार्च की बजाय एक दिन पहले 23 मार्च 1931 को इन वीर सपूतो को फांसी दे दी गयी।और वह सदा के लिए अमर हो गए।हम सभी को ऐसे महान क्रान्तिकारियो के आदर्शो को अपनाना चाहिए।ये ऐसी विभूति थे l
जिसके कारण आज हम स्वतंत्र भारत मे साँस ले रहे है।इस दौरान स्मृति पाठक,कृष्ण मुरारी पांडेय उपस्थित रहे।