नही रहे समाजवाद के जीवंत प्रतिमान डॉ विजय मित्र द्विवेदी
Submitted by Ratan Gupta on 5 January 2024 - 11:07amलखनऊ/हमारे मध्य से एक ऐसे व्यक्तिव ने अंतिम सांस ली है जिसकी कमी कभी पूरी नही हो सकेगी। सौम्यता , सरलता , और सहृदयता के सभी प्रतिमान जिनके विराट व्यक्तित्व के आगे बौने पड़ जाते थे तथा वे श्री विजय मित्र द्विवेदी जी एक तरफ जिनके राष्ट्र को बदलने के जज्बे के आगे युवाओं का जोश भी फीका पड़ जाता था और दूसरी तरफ गरीबों , मजबूरों और जरूरतमंदों की पीड़ा जिनकी धमनियों में बहती थी जिसका एक जीता जागता उदाहरण वैश्विक कोरोना महामारी थी,जब वे खुद इस बीमारी से ठीक हो कर जरूरतमंद लोगों की दवाइयों और भोजन की व्यस्था में लग जुट गए थे, हर दिल अजीज वही द्विवेदी जी जो न जाने कितने युवाओं को स्वावलंबी समावेशी