वेटलिफ्टर इच्छा बेटी की ऊंची उड़ान

लखनऊ/अगर हमें समाज को सर्व संपन्न बनाना है तो बेटी को हमें शिक्षित करने के साथ-साथ क्रियाशील बनाना होगा। आज हमारा देश अगर विश्व में एक शक्ति के रूप में उभरा है तो इसका श्रेय भारत की बेटियों को जाता है क्योंकि भारत की बेटियां भारत के विकास में कंधे से कंधा मिलाकर योगदान दे रही हैं।
इस तेजी से बदलते युग में हमारे समाज में बेटियों के प्रति लोगों का नजरिया बदला है। जिसके कारण हर क्षेत्र में बेटियां आगे बढ़कर समाज के विकास में अहम भूमिका निभा रही हैं।
बेटियों को शिक्षित करने में आज के पढ़े-लिखे अभिभावकों की भूमिका महत्वपूर्ण है।

इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश लखनऊ के निवासी ललित पटेल जिनकी गिनती अपने दौर के उम्दा वेटलिफ्टेरो में रही है उन्हें पूर्व में लक्ष्मण पुरस्कार से भी पुरस्कृत किया जा चुका है। उनको इस जमाने में  लखनऊ में वेटलिफ्टिंग का पर्यायवाची माना जाता था। वर्तमान समय में पोस्ट ऑफिस विभाग लखनऊ में सेवारत है। उनकी दो बेटियां हैं पहली बेटी इच्छा पटेल दूसरी बेटी रक्षा पटेल। इच्छा पटेल मंदबुद्धि की विकलांग बालिका है। जो आज वर्तमान समय में वेटलिफ्टिंग के क्षेत्र में सितारा बनकर उभरी है। आज उस पर समाज के हर वर्ग को गर्व है। इच्छा पटेल ने वेटलिफ्टिंग के क्षेत्र में भारत का नाम रोशन किया है। वह मंदबुद्धि विकलांग बालिका होने के बावजूद सामान्य बलाकाओ के साथ वेट लिफ्टिंग प्रतियोगिता में भाग लेती है। इच्छा पटेल ने इस सफलता का श्रेय अपने पिता ललित पटेल और मां रितु पटेल तथा अपनी बहन रक्षा पटेल को देती है।

इच्छा पटेल ने 2017 में वेटलिफ्टिंग का अभ्यास अपने पिता की देखरेख में शुरू किया। 2019 में आबू धाबी में हुए स्पेशल ओलंपिक वर्ल्ड गेम्स में एक रजत और तीन कांस्य पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया और प्रथम बार सुर्खियों में आई। उसके बाद इच्छा पटेल ने गंभीरता से पिता के नेतृत्व में अभ्यास करना शुरू किया।

पिछले साल खेलो इंडिया प्रतियोगिता जो पुणे में आयोजित हुई थी उसमें 81 वर्ग भार प्रथम स्थान प्राप्त किया।
अब तक इच्छा पटेल ने एक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में 1 सिल्वर तथा तीन कांस्य पदक प्राप्त किया। राष्ट्रीय स्तर प्रतियोगिता में जो स्वर्ण तथा तीन कांस्य पदक प्राप्त किया। राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में 15 स्वर्ण, 5 सिल्वर तथा जिला स्तरीय प्रतियोगिता में 32 स्वर्ण, 10 सिल्वर ,7 ब्रांड मेडल जीत कर यह सिद्ध कर दिया है कि बेटियों के बिना स्वस्थ समाज का सपना अधूरा है। आज हमारा समाज इच्छा पटेल पर गर्व महसूस करता है ।

 द्वारा डॉ आलोक कुमार द्विवेदी

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