1947 की जिंदगी न जीये ताइक्वांडो प्रशिक्षक , रतन गुप्ता
बरेली/खेल जगत फाउंडेशन द्वारा ताइक्वांडो खिलाड़ियो के उज्जवल भविष्य के चिंतन को लेकर ताइक्वांडो विचार गोस्ठी का आनलाइन आयोजन किया गया ।
जिसमें उत्तर प्रदेश व देश के अन्य प्रदेश से तमाम ताइक्वांडो रेफरी व प्रकशिक्षको ने बढ चढ कर भाग लिया व खिलाड़ियो के हित में अपने अपने बिचार बिर्मश किए।
खेल जगत फाउंडेशन के संस्थापक रतन गुप्ता ने अपने विचारों में कहा की वर्तमान में उत्तर प्रदेश के प्रशिक्षक 1947 की जिंदगी जैसा जीने का काम कर रहे हैं जबकि आज हमारा देश स्वतंत्र होने के बावजूद भी तथाकथित लोगों के इशारों पर कठपुतलियों की तरह नाचने का कार्य कर रहे हैं।
आज उत्तर प्रदेश में चार चार ताइक्वांडो संघ चल रहे हैं और किसी का भी कोई अस्तित्व नहीं है उसके बावजूद भी लगातार ताइक्वांडो के प्रतियोगिताओं में अच्छी खाशी तादाद में खिलाड़ियों की संख्या प्रतिभाग करती है और इन सभी संघों में बहुत ही तेजी से गुटबाजी देखने को मिलती हैं,इन गुटबाजी की वजह से कहीं ना कहीं खिलाड़ियों का नुकसान हो रहा है इसी चिंतन को लेकर आज खेल जगत ने विचार गोष्ठी का आयोजन किया।
जिसमें उत्तर प्रदेश के लखनऊ से ताइक्वांडो प्रशिक्षक विकाश यादव ने सभी प्रशिक्षको को शंबोधित करते हुए कहा कि भारत में ताइक्वांडो फेडरेशन आफ इन्डिया के नाम से चार संस्था चल रही है और चारो फर्जी व अवैध है,विकाश यादव ने यहा तक कहा कि मै जिस फेडरेशन से जुड़ कर प्रशिक्षण दे रहा हूं वह भी फर्जी है लेकिन मेरा उत्तर प्रदेश ताइक्वाडो एशोशिएशन सही है।
विकाश यादव की बात किसी भी प्रशिक्षक के समझ नही आया कि जब राष्टीय स्तर की फेडरेशन गलत है तो राज्य स्तर की कैसे सही हो सकती हे।