राष्ट्रीय सेवा योजना की स्वयंसेवकों ने किया सूर्य नमस्कार
बरेली/ बरेली कालेज की राष्ट्रीय सेवा योजना की छात्रा इकाई प्रथम की स्वयं सेविकाओं ने अपने कार्यक्रम अधिकारी डॉ सारा बासु के मार्गदर्शन में अपने सात दिवसीय विशेष शिविर के पांचवे दिन के कार्यक्रम का आयोजन किया।
कार्यक्रम के प्रथम भाग में छात्राओं ने शारीरिक स्वास्थ्य एवं जीवन में योग के महत्व को जाना। खेल जगत फाउंडेशन के संस्थापक रतन गुप्ता ने स्वयंसेविकाओं को बताया कि सूर्यनमस्कार से जीवन के सम्पूर्ण विकास में कैसे लाभदायक होता है। खेल के क्षेत्र में अपार सम्भावनाओं के प्रति छात्राओं में चेतना जगाई गई। ' हर घर खेल, घर घर खेल' अभियान के बारे में भी छात्राओं को विस्तार से बताया गया।
योगाचार्य अनुराधा एवं वालंटियर शिवानी , के साथ छात्राओं को योग के कुछ सरल आसन बताये। विशिष्ट अतिथि रतन गुप्ता ने स्वयंसेविकाओं को विभिन्न इंडोर खेलों के बारे में विस्तार में बताया और इसमें आगे किस प्रकार से प्रोत्साहन प्रदेश एवं भारत सरकार देती है।
साथ ही लड़कियों को उनकी आत्मरक्षा के मूलमंत्र बताये और प्रदर्शित करके दिखाए। रतन गुप्ता जन जन तक खेल कूद एवं शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने को पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध हैं। विभिन्न संस्थानों में जाकर योग एवं खेल कूद के प्रति जागरूकता बढ़ाने का कार्य निशुल्क रूप से सेवा भाव से करते हैं।
आज इसी शृंखला में उन्होंने अपने महिला सहयोगी के साथ मिलकर बरेली कालेज की राष्ट्रीय सेवा योजना की छात्रा इकाई प्रथम की स्वयंसेविकाओं को एक ज्ञान वर्धक व्याख्यान प्रस्तुत किया। स्वयंसेविकाएँ आस्था, किरण, राधा, प्रियांशी, मुस्कान आदि ने सबसे आगे बढ़के बताये गए योगासनों का अनुसरण करने का प्रयास किया। आयुषी, खुशी, दिव्य ने खेल संबंधी अपनी जिज्ञासाओं के उत्तर प्राप्त किये।
छात्राओं को बी एड विभाग के परिसर में दरी पर , रतन गुप्ता द्वारा बताये गए विभिन्न योग आसनों का योगाचार्य अनुराधा के निर्देशन में अभ्यास किया। कार्यक्रम अधिकारी डॉ सारा बासु ने श्री रसत्सं गुप्ता जी, योगाचार्य अनुराधा जी एवं वालंटियर शिवानी का धन्यवाद किया और उन्हें इसी प्रकार के अन्य कार्यक्रम आगे भी करते रहने का आग्रह किया।
बौद्धिक सत्र में विशिष्ट अतिथि के रूप में महाविद्यालय के बी एड विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ राकेश आज़ाद ने स्वयंसेविकाओं को संबोधित किया। आज़ाद जी ने पूर्व में रासयो के कार्यक्रम अधिकारी एवं प्राक्टोरियल बोर्ड के सदस्य के रूप में प्राप्त अपने अमूल्य अनुभव उन्होंने छात्राओं के साथ बाँटे। अपने सात दिवसीय शिविर और अधिक फलदायक एवं प्रभशाली बनाने के लिए डॉ राकेश आज़ाद ने स्वयंसेविकाओं को कुछ मूल मंत्र दिए। छात्राओं ने पूरे ध्यान से उनको सुना और उनके द्वारा बताई गई बातों को आत्मसात करने का वादा किया। कार्यक्रम अधिकारी डॉ सारा बासु ने डॉ राकेश आज़ाद को ध्यावाद दिया और छात्राओं ने एन एस एस ताली से उनका अभिवादन किया।