लखनऊ  क्रिकेट कोचिंग में उभरता हुआ नाम अनुराग सिंह

लखनऊ  क्रिकेट कोचिंग में उभरता हुआ नाम अनुराग सिंह
 

भारत में जहां कहीं भी मैदान में क्रिकेट का खेल चल रहा होता है उस समय धर्म ,मजहब , रिलीजन की दीवार तोड़कर लोग एक दूसरे से जुड़ जाते हैं और मजहब के नाम पर जो लड़ाई झगड़े चलते हैं वह क्रिकेट के नाम पर एक हो जाते हैं दूसरे शब्दों में आप कह सकते हैं कि भारत का सबसे बड़ा धर्म क्रिकेट है। 

 

भारत में क्रिकेटरों को भगवान का दर्जा प्राप्त है भारत में क्रिकेट के प्रति जुनून बहुत पुराना है इस जुनून की शुरुआत कपिल देव ने शुरू की वह सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, महेंद्र सिंह धोनी से होते हुए विराट कोहली तक पहुंच गयी है। 

 

          क्रिकेटर पैदा नहीं होते है मैदान में बनाए जाते हैं नौनिहालों को क्रिकेटर बनाना एक कोच का काम होता है अपने शहर लखनऊ में इरफान पठान एकेडमी के हेड कोच अनुराग सिंह क्रिकेट कोचिंग में एक उभरता हुआ नाम है अनुराग सिंह ने 2003 में 12 साल की उम्र में एक क्रिकेटर बनने के सपने के साथ केडी सिंह बाबू  स्टेडियम में क्रिकेट सीखने की शुरुआत की थी  2005 में इनका सिलेक्शन गुरु गोविंद सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज लखनऊ में हुआ यहां पर कोच श्री दीपक शर्मा एवं श्री कृष्णन सतपाल से क्रिकेट की बारीकियां सीखी। गुरु गोविंद सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज लखनऊ से लगातार  डिस्ट्रिक्ट, मंडल, स्टेट एवं नेशनल लेवल पर उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया। वीनू मांकड अंडर -1 6 एवं सी के नायडू अंडर-19 में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया, और 2006 में रणजी ट्रॉफी स्क्वायड कैंप में जगह बनायी थी । स्पोर्ट्स कॉलेज से पास आउट होने के बाद फैजाबाद अवध यूनिवर्सिटी से नॉर्थ जोन में 3 साल तक प्रतिनिधित्व किया जिसमें टीम एक बार रनर अप रही। 

               

    क्रिकेट के साथ-साथ अनुराग सिंह ने अपनी पढ़ाई पर भी पूरा ध्यान दिया, स्पोर्ट्स कॉलेज लखनऊ से इंटरमीडिएट करने के बाद फैजाबाद यूनिवर्सिटी से बी०पी०ई , लखनऊ यूनिवर्सिटी से बी.पी.एड तथा स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया से एन .आई. एस क्रिकेट कोचिंग कोर्स किया , यहां पर स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के कोच श्री नरेंद्र कुमार शर्मा जी से मुलाकात हुई  श्री शर्मा  ने अनुराग को क्रिकेट कोचिंग की बारीकियां सिखाई।
           

 अक्सर देखा गया है कि खिलाड़ी खेल के साथ अपनी पढ़ाई पर ध्यान नहीं देते हैं जिससे अगर खेल में कोई मुकाम नहीं प्राप्त होता है तो खिलाड़ी को जीवन जीने के लिए बहुत दिक्कतें आती हैं l ले

अनुराग सिंह ने अपनी पढ़ाई पर भी उतना ही ध्यान दिया जितना कि उन्होंने अपने खेल पर दिया , अनुराग सिंह ने 2013 में मात्र 22 साल की उम्र में कोचिंग की शुरुआत कर दी थी, विजया इंटरनेशनल आगरा में 1 साल कुह स्पोर्ट्स में 2 साल कोचिंग करने के बाद अनुराग सिंह दिल्ली चले गए , दिल्ली में स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के कोच श्री नरेंद्र कुमार शर्मा जी के सानिध्य में कमल एस बागरी की फ्यूचर क्रिकेट एकेडमी को 3 साल तक संभाला लेकिन अपने शहर की याद अनुराग सिंह को फिर लखनऊ खींच लाई और शहर के बच्चों को क्रिकेट सिखाने के लिए अनुराग सिंह ने 2019 में लखनऊ आकर क्रिकेट एकेडमी ऑफ़ पठान्स में हेड कोच की जिम्मेदारी संभाली और कम ही समय में क्रिकेट एकेडमी ऑफ़ पठान्स ने अपने आप को लखनऊ क्रिकेट में स्थापित कर लिया अनुराग सिंह की कोचिंग में क्रिकेट एकेडमी ऑफ पठान्स के अंतर्गत इंडियन स्पोर्ट्स क्लब ने क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ लखनऊ के क्रिकेट टूर्नामेंटस में खेलना शुरू कर दिया है और पहले ही साल में यह टीम कई प्रतिष्ठित टुर्नामेंट्स के सेमीफाइनल में पहुंच चुकी है । 
     

           अनुराग सिंह के मार्गदर्शन में मुकुल मृदुलकर 2018 एवं 2019 की ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी चैंपियन टीम के सदस्य रहे है एवं 2018 में मुकुल सर्वोच्च स्कोरर भी रहे है और ऑल इंडिया रोहिंटन बरिया ट्रॉफी 2019 -20 टॉप विनर टीम के सदस्य भी रहे हैं इनकी इन उपलब्धियों के कारण पठान क्रिकेट एकेडमी के ऑनर श्री अंशुल आलोक जी ने मुकुल मृदुलकर सम्मानित किया।
               

        चलते चलते जब अनुराग सिंह से पूछा गया कि इस समय क्रिकेट एकेडमी ऑफ़ पठान्स में किन बच्चों का भविष्य उज्जवल दिखाई दे रहा है इस पर अनुराग सिंह ने केवल इतना कहा मैं बच्चों के साथ अपना 100% दे रहा हूं सभी बच्चे अच्छे हैं जो मेहनत करेगा वह आगे निकल जाएगा लेकिन फिर भी कुछ बच्चों में बहुत ज्यादा संभावनाएं दिखाई दे रही है अगर इन्होंने क्रिकेट में मेहनत करना जारी रखा तो एक दिन यह लोग बहुत आगे तक जाएंगे।

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