संगम की मेहनत क्रीड़ा भारती से मिला अपार सहयोग
गाजियाबाद /साहिबाबाद कि एक छोटी सी कालोनी में रहने वाले संगम सिंह राजपुत ने लगातार 3साल से नैशनल टेबल टैनिस मे मेडल जीतकर एक इतिहास रचा है उनका सपना है कि ओल्मपिक में भारत के लिये गोल्ड मेडल लेकर आये ओर अपने देश अपने परिवार अपने गुरु का नाम रोशन करे इस छोटी सी उमर मे संगम ने बहुत सी कठनाइयो को झेलते हुवे student olympic 2019-20में जगह बनाई है ओर उनको अपने उपर पुरा विश्वास है कि वो जरुर जीत कर आयेंगे उनका कहना है कि जब तक रास्तो मे मुस्किलो के पहाड़ न हो तो सफ़लता को पाने में आनंद नहीं आता हैसंगम एक महनती खिलाड़ी है वह अपने खेल कि फ़ीस खुद छोटे बच्चों को टुशन पड़ा कर भरता है संगम के पिता जी एक गरीब परिवार से है वे निजी शोप पर काम करते है जहा उनको मात्र नौ हजार रुपये मिलते है जिसमे वे अपने पुरे परिवार का पालनपोषण करते है तथा संगम को पुरी कोशिश करते है कि वो एक अच्छा खिलाड़ी बन सके दिन रात वो उसके सपनो को साकार करने मे लगे रह्ते है संगम के गुरु क्रीड़ा भारती से जुड़े विपिन देव जी ने बताया कि संगम एक महनती बालक है वो खेल कुद के साथ पढ़ाई लिखाई में भी सबसे आगे रहता है संगम का सपना है कि वो भारत मे एक ऐसा होस्पिटल खोले जो केवल खिलाड़ीयो का हि मुफ़्त में इलाज करवा सके ऐसे बालको पर मुझे पुरा विस्वास है कि वो एक दिन देश के लिये मेडल जरूर लेकर आयेगा। ओर अपने देश अपने परिवार अपने गुरु का नाम जरुर रोशन करेगा साथ ही विपिन जी ने खेल मंत्री चेतन चोहान से भी जल्दीही ऐसे बालको के बारे में कुछ विशेष सुविधा के लिये सम्पर्क करने कि सोच हि रहे है ओर उनको पुर्ण विश्वास है कि वह जल्दि हि ऐसे सभी खिलाड़ीयो के लिये एक नयी योजना का शुभआरम्भ करेंगे । संगम बाल्यकाल से ही क्रीड़ा भारती से जुड़ा रहा उसका मानना है कि आज अगर क्रीड़ा भारती ओर उसके बड़े भाई के रुप में विपिन भैया नहीं होते तो उसका यहा तक पहुँचना मुस्किल था वह दिल से क्रीड़ा भारती का धन्यवाद करता है