नौकरी में रोड़ा अटका रहा है उत्तर प्रदेश का खेल विभाग-सुधा सिंह
रायबरेली: जकार्ता एशियाई खेलों की सिल्वर मेडल विजेता एथलीट सुधा सिंह ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आश्वासन के बावजूद उत्तर प्रदेश का खेल विभाग उनकी नौकरी की राह में रोड़ा बना हुआ है. सुधा ने राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों के पदक विजेताओं के लिए आयोजित सममान समारोह में पहले पुरस्कार राशि लेने से इनकार कर दिया था. खेल जगत की वार्ता पर सुधा सिंह ने कहा “खेल विभाग ने कसम खा रखी है कि वह मुझे अपने यहां नहीं आने देगा. मैंने लगातार तीन पदक जीते हैं. उसके बावजूद मेरे साथ ऐसा बर्ताव हो रहा है. मैं खेल विभाग में उपनिदेशक का पद चाहती हूं लेकिन नियमों का हवाला देकर कहा जा रहा है कि मुझे यह पद नहीं मिल सकता. मैं अब पूरी तरह निराश हो चुकी हैं.”
स्टीपलचेज की एथलीट सुधा ने मंगलवार को पदक विजेताओं के सम्मान समारोह में यह कहते हुए इनामी राशि लेने से इनकार कर दिया था कि उनहें रुपये नहीं बल्कि खेल उपनिदेशक का पद चाहिए. हालांकि राज्यपाल राम नाईक के आग्रह पर बाद में उन्होंने पुरस्कार राशि स्वीकार कर ली थी.
वर्ष 2010 में ग्वांगझू एशियाई खेलों की स्टीपलचेज स्पर्द्धा में स्वर्ण पदक भी जीत चुकी सुधा को अब अहसास हुआ कि उन्हें उप निदेशक पद की मांग नहीं करनी चाहिए थे लेकिन इसके साथ उन्होंने जोड़ा कि पूर्व में ऐसे कई उदाहरण हैं जब एथलीटों को खेल उपनिदेशक के पद दिए गए .
सुधा ने कहा, ''उपनिदेशक पद मांगने के लिये मैं माफी चाहती हूं. मुझे क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी ही बना दिया जाए, लेकिन विभाग के कुछ लोग ही नहीं चाहते कि मैं उनके महकमे में आ सकूं.'' सुधा ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों हुई मुलाकात में उनसे पुलिस उपाधीक्षक का पद देने की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने खेल उपनिदेशक पद की मांग की जिस पर मुख्यमंत्री ने हामी भर दी थी. इसके बावजूद खेल विभाग नियमों का हवाला देकर इनकार कर रहा है.
इस बीच, प्रदेश के खेल मंत्री चेतन चौहान ने कहा कि सुधा को खेल विभाग में नौकरी देने में कोई अड़चन नहीं है, मगर वह खेल उपनिदेशक का पद चाहती हैं. इस पर सरकार सीधे नियुक्ति नहीं कर सकती. चौहान ने कहा, ''उपनिदेशक की नियुक्ति चयन आयोग से होती है और सरकार के पास इस पद पर सीधे नियुक्ति करने का अधिकार नहीं है. सुधा को पहले क्रीडाधिकारी की ही नौकरी मिलेगी, उसके बाद प्रोन्नत होकर वह उपनिदेशक भी बन सकती हैं.''
उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले की रहने वाली सुधा के एशियाई खेलों में रजत पदक जीतने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें राजपत्रित अधिकारी की नौकरी देने की घोषणा की थी.
सुधा ने तब कहा था कि नौकरी के लिए उनकी फाइल वर्ष 2014 से ही शासन में घूम रही है. वह एशियाई खेलों में स्वर्ण और रजत पदक जीत चुकी हैं. दो बार ओलम्पिक, दो बार विश्व चैम्पियनशिप और चार बार एशियाई चैम्पियनशिप में हिस्सा ले चुकी हैं. वह अर्जुन पुरस्कार विजेता हैं और इस समय खेल विभाग में उप निदेशक के पद की हकदार है |