तीरंदाजी खेल का इतिहास

तीरंदाजी का इतिहास

तीरंदाजी भारत की एक प्राचीन कला है| भारत में आदिवासी क्षेत्रों में यह खेल एक प्रतियोगिता के रूप में, खेला जाता है| आज यह कला फिर से जीवित हो रही है| यह गांवो, शहरों, राज्यों, अंतर्राज्यों और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक खेल के रूप में सामने आयी है |

रामायण के नायक श्रीराम और महाभारत के पांडव, विशेषकर अर्जुन तीरंदाजी में उत्कृष्ट योद्धा थे| महाभारत कालीन भील बालक एकलव्य ने गुरु द्रोणाचार्य की प्रतिमा बनाकर उनसे तीरंदाजी का कौशल सीखा था| प्राचीन समय में आत्मरक्षा के लिए यही एक विश्वसनीय हथियार माना जाता था|

युवा कल्याण विभाग एवम स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुई प्रतियोगिता

  रोैजगांव ब्यूरो चीफ :- अरुण साहू

रोैजगांव :  खेलो अयोध्या खेलो कार्यक्रम के तहत ब्लॉक स्तरीय खेल प्रतियोगिता रूदौली ब्लॉक के उच्च प्राथमिक आदर्श विद्यालय रौजागांव के मैदान में आयोजित हुई।

जिसके मुख्य अतिथि सभापति सार्वजनिक उपक्रम एवं संयुक्त निगम व् विधायक रामचन्द्र यादव  एंव बिशिष्ट अतिथि खंड शिक्षा अधिकारी यज्ञ नारायण वर्मा व भाजपा मंडल अध्यक्ष रूदौली देहात अनिल लोधी रहे।
विधायक ने दीप प्रज्ज्वलित कर और खेल का ध्वज फहराकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

पंत स्टेडियम में दो दिवसीय खेलकूद प्रतियोगिता का समापन

सुल्तानपुर  ब्यूरो चीफ - अरुण कुमार साहू 

शाहजहांपुर भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान पर हुए हमले की खुशी में ए.बी.वी.पी ने मनाया जश्न

 शाहजहांपुर: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान में घुसकर बदला लेने पर हर्ष व्यक्त करते हुए विश्वनाथ मंदिर के सामने शहीद उद्यान में शहीदों के सम्मान में  बधाई देते हुए उनकी वीरता को प्रणाम करते हुए राहगीरों ,दुकानदारों को लडडू खिला के  उनका मुह मीठा कराया। और दिवाली की तरह दिये जलाए।इस अवसर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की जिला छात्रा प्रमुख प्रिया गुप्ता  ने बताया कि "जो हमको बालक कहता है यह उसकी नादानी है ।

खेलकूद के मैदानों की कमी के कारण गिर रहा है शारीरिक और मानसिक स्तर

शाहजहांपुर:अनुज मिश्र से तहसील प्रभारी विपिन अग्निहोत्री की वार्ता पर आधारित - कहने में समाज आज बहुत ही आगे बढ़ गया है और विज्ञान के चमत्कारों ने मनुष्य को अंतरिक्ष तक पहुंचा दिया है। कंप्यूटर की दुनिया ने मनुष्य का काम बहुत ही आसान कर दिया है क्योंकि जिस कार्य को करने में पहले उसको घंटों का समय लगता था वही कार्य मिनटों में होने लगा जोकि बहुत ही सार्थक बात है क्योंकि टेक्नोलॉजी के दम पर कम समय में मनुष्य चांद पर पहुंचने लगा है वहीं दूसरी तरफ मनुष्य के शरीर की दक्षता कम हो रही है उसका मूल्यांकन कर सकते हो कि पहले मनुष्य हजारों वर्ष जीता था ऐसा पुराणों में वर्णित है ।उसके बाद

Pages